प्रौढ़ शिक्षा में आज एड़ी से चोटी तक एक महा विडम्बना भरी हुई है और यह महा विडम्बना इसमें से जब तक निकाली नहीं जायगी, न तो प्रौढ़ शिक्षा व्यावहारिक बनेगी और न यह राष्ट्र की जनता के हित में होगी। पश्चिम से, और खास कर साम्यवादी-समाजवादी विचारधारा से, एक असर हमारे देश में ...