हम लोग अब तक प्रौढ़ शिक्षा को इस निगाह से देखते रहे हैं कि जो लोग बचपन में स्कूलों में पढ़ाई के दौर से गुजरे बिना ही प्रौढ़ हो गये हैं वे लोग ”शिक्षा से वंचित” रह गये हैं और उन बेचारों पर दया करके हमें चाहिए कि हम उनके लिए रात्रि-शालाएँ चलाएँ और ”देर ...