आओ देश बनाएँ रचयिता – श्री दयाल चन्द्र सोनी आओ देश बनाएँ उजड़ा बाग लगायें फिर से बिछुड़ा नीड़ बसाएँ ।।1।। डाल डाल में हो हरियाली पात पात पर हो ख़ुशहाली आज चमन के हम ख़द माली कली कली खिल जाये ।।2।। सुस्ती छोड़ उठो सदियों की ठंड दूर हो हिम कणियों की ...