पहले एक चेतावनी दे दूँ कि पुन: संजीवनीकरण में खतरा भी है। यदि पुन:संजीवनीयुक्त अध्यापक सचमुच उत्पादित भी हुए तो वे वर्तमान सामाजिक-व्यवस्था और शिक्षा के ढाँचे में, अनुकूल और उपयुक्त स्थान न पाने के कारण, अपने आप को पूरी तरह अलग-थलग, कटा हुआ-सा पाएँगे क्योंकि सजीव शिक्षण और अधिगम के विचार आधुनिक और तथाकथित ...