क्या वर्तमान स्कूल को सार्वजनीन शिक्षालय मानना उचित है?

वर्तमान समय की सबसे ख़तरनाक ग़लती यह है कि हमने स्‍कूल (नामक पाठशाला) मात्र को मनुष्‍य का शिक्षालय मानना शुरू कर दिया है। मुझे लगता है कि हम पर एक अंधी धुन सवार हो गयी है कि ‘सबको साक्षर एवं स्‍कूलित करो वरना भारत का बेड़ा गर्क हो जायगा।’ मुझे बहुत हैरानी होती है जब ...

यदि स्कूलों ने परिश्रम को अपनाया होता

सन् 1941-42 में मैने जामिया मिलिया इस्‍लामिया, दिल्‍ली के ”उस्‍तादों के मदरसे” में एक वर्ष का गांधीवादी बुनियादी शिक्षा का प्रशिक्षण प्राप्‍त किया। इस प्रशिक्षण में सौभाग्‍य हमारा यह रहा कि स्‍वयं डॉ. जाकिर हुसैन ने दस दिनों तक हमारी कक्षा में एक-एक घंटा भाषण दिया (या हमें पढ़ाया) इस दौरान विद्यार्थियों (छात्र शिक्षकों) ने ...

ऐसी स्कूल संस्था का यह अंधा प्रचार और प्रसार रुकना चाहिए

आज हमारे पूरे समाज में इस प्रश्‍न पर बहुत गम्‍भीरता से विचार होने की आवश्‍यकता है कि क्‍या स्‍कूल ही शिक्षा का एक मात्र प्राप्ति स्‍थान है, या शिक्षा पर क्‍या स्‍कूल की ही मॉनोपोली या ठेकेदारी है, या स्‍कूल में जो कुछ हमारी नयी पीढ़ी को दिया या परोसा जा रहा है क्‍या वही ...

प्रशिक्षण बाहर से मिलाने का नहीं, भीतर से खिलाने का काम है

”शिक्षण” के विषय में तो मैं यह मानता हूँ कि यह इस मानव जीवन में ठेठ से ही था, परन्‍तु, मुझे जहॉं तक जानकारी है शिक्षण में ”प्रशिक्षण” का जन्‍म इस नये युग में ही हुआ है। उदाहरण के लिए मैं जाति से स्‍वर्णकार हूँ। मेरे पिता एक बहुत उच्‍च कोटि के गारीगर स्‍वर्णकार थे। ...

केवल स्कूल ही शिक्षा देने का माध्यम नहीं

आज इस प्रश्‍न पर विचार करना अति आवश्‍यक हो गया है कि क्‍या शिक्षा का प्रप्ति स्‍थान केवल स्‍कूल ही है। यह प्रश्‍न अत्‍यंत महत्‍व का इसलिए हो गया है कि पूरे देश में हमारे तथा कथित शिक्षितों एवं तथाकथित अशिक्षितों में यह मान्‍यता जड़ जमा कर बैठ गयी है कि शिक्षा का प्राप्ति स्‍थान ...

अनवरत और अनौपचारिक शिक्षा के लिए अध्यापकों का पुन:संजीवनीकरण

पहले एक चेतावनी दे दूँ कि पुन: संजीवनीकरण में खतरा भी है। यदि पुन:संजीवनीयुक्‍त अध्‍यापक सचमुच उत्‍पादित भी हुए तो वे वर्तमान सामाजिक-व्‍यवस्‍था और शिक्षा के ढाँचे में, अनुकूल और उपयुक्‍त स्‍थान न पाने के कारण, अपने आप को पूरी तरह अलग-थलग, कटा हुआ-सा पाएँगे क्‍योंकि सजीव शिक्षण और अधिगम के विचार आधुनिक और तथाकथित ...