भारत में हिंदी व अन्य भाषाएं जानने वाले लोगों की संख्या

सन् 2001 की जनगणना के अनुसार भारत की कुल जनसंख्या 102.7 करोड़ थी जिसमें हिंदीभाषियों की संख्या करीब 42 करोड़ (41.1%) थी।   विभिन्न भाषा भाषियों की स्थिति निम्न तालिका के अनुसार थी –

भारत में विभिन्न भाषाएं जानने वालों की संख्या

(2001 की जनगणना के अनुसार)

श्रेणी

भाषा

बोलने वाले

(करोड़ में)

प्रतिशत

1

हिंदी

42.20

41.1

2

बंगाली

8.34

8.1

3

तेलेगु

7.40

7.2

4

मराठी

7.19

7.0

5

तमिल

6.08

5.9

6

उर्दू

5.15

5.0

7

गुजराती

4.61

4.5

8

कन्नड़

3.79

3.7

9

मलयालम

3.31

3.2

10

उड़िया

3.30

3.2

11

पंजाबी

2.91

2.8

12

आसामी

1.32

1.3

13

मैथिली

1.22

1.2

14

अन्य

5.88

5.7

 

कुल

102.70

100.0

यहाँ यह उल्लेखनीय है कि ऐसे लोगों की संख्या जिन्होंने सन् 2001 की जनगणना के समय अंग्रेज़ी को अपनी मातृभाषा बताया मात्र 2,26,449 थी।

सन् 2011की जनगणना के विस्तृत आँकड़े जिसमें भाषावार विवरण हो अभी तक सामने नहीं आये हैं लेकिन कुल जनसंख्या 121 करोड़ बताई गई है। यदि हिंदी भाषियों का पूर्व प्रतिशत ही मानें तो 2011 में हिंदी भाषियों की संख्या लगभग 50 करोड़ आती है।

एक अनुमान के अनुसार वर्तमान में भारत में लगभग 12.50 करोड़ लोग अंग्रेज़ी का दूसरी भाषा के रूप में करते हैं।

हिंदीभाषियों की इतनी विशाल संख्या,  (अंग्रेज़ी जानने वालों की चार गुनी,) होते हुए  यह एक दुखद सत्य है कि इस भाषा का कोई मानक स्वरूप विकसित करने के प्रति कोई भी गंभीर नहीं है।

विश्व के किसी भी अन्य देश में ऐसा नहीं होता है, लोग अपनी भाषा के उत्थान और सम्मान के प्रति जागरूक रहते हैं और अन्य भाषाएं जानते हुए भी अपनों से अपनी भाषा में बात करते हैं। यदि अपने देश में भी हम थोड़ा जागरूक हो कर अपनी भाषा का सम्मान करने की नीति काम में लें तो यह स्थिति बदलने में देर नहीं लगेगी।

– ज्ञान प्रकाश सोनी

संदर्भ –

//en.wikipedia.org/wiki/List_of_Indian_languages_by_number_of_native_speakers

//en.wikipedia.org/wiki/Official_languages_of_India

//www.censusindia.gov.in/Census_Data_2001/Census_Data_Online/Language/Statement4.htm

//en.wikipedia.org/wiki/2011_census_of_India