‘शिक्षांजलि’ का भावार्थ शिक्षा के ध्येय को अर्ध्य देने से है।
यह पटल ‘श्री दयाल चंद्र सोनी स्मृति ट्रस्ट’, 26, विद्या मार्ग, उदयपुर – 313001, राजस्थान, भारत द्वारा सृजित किया गया है। यह ट्रस्ट स्वर्गीय श्री दयाल चंद्र सोनी के कृत्यों और विचारों को जीवंत रखने के उद्देश्य ये गठित किया गया है जो शिक्षा प्रणाली और विशेषकर प्रौढ़ शिक्षा पर अपने समय के मूल विचारक थे। इनका मानना था कि शिक्षा का प्रारंभ मातृ भाषा में होना चाहिये। इन्होंने स्थानीय मेवाड़ी बोली में भी काफ़ी काम किया था और गीता का भी गंभीर मंथन किया था।
इनका संक्षिप्त जीवन परिचय अलग शीर्षक के अंर्तगत उपलब्ध है।
इस स्थल पर हम सामान्यतः शिक्षा संबंधी विचारोत्तेजक सामग्री तथा विशेषतः श्री दयाल चंद्र सोनी के कृत्यों और विचारों पर अधिक से अधिक जानकारी देने का प्रयास करते रहेंगे।
हिंदी व मेवाड़ी प्रभागों की सामग्री मौज़िला फायरफौक्स ब्राउज़र में अधिक सुपाठ्य रूप से देखी जा सकती है, इंटरनेट एक्सप्लोरर ब्राउज़र में अर्धाक्षर हलंतयुक्त पूर्णाक्षर के रूप में दिख सकते हैं।
संपर्क – 91-294-2451220, 91-9414165520
I was trying to teach HINDI GINATI to my wife and I found you website where it is very nicely given. I congratulate and thank you for this effort. Hindi needs encouragement, nurturing, and support and your website is a good example. Please keep up the good work.